google.com, pub-7060990374677024, DIRECT, f08c47fec0942fa0 बुरहानपुर जिला अस्पताल किस सेवा में बना मप्र में नंबर 1
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बुरहानपुर जिला अस्पताल किस सेवा में बना मप्र में नंबर 1

 


- स्वास्थ्य विभाग ने जारी की रिपोर्ट

बुरहानपुर(हेल्थ रिपोर्टर)सरकारी जिला अस्पताल से अकसर इलाज में लापरवाही स्टाफ की कमी से मरीजों को होने वाली  परेशानी जैसी नकारात्मक खबरे आती है इस बीच एक ऐसी खबर जो बुरहानपुर के जिला अस्पताल से आ रही है काफी सुकुनभरी है जिला अस्पताल में नवजात बच्चों के लिए स्थापित एसएनसीयू में  प्री मेय्चूर बच्चों की जान बचाने में आपके बुरहानपुर का एसएनसीयू प्रदेश में बेहतर साबित हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की प्रदेश स्तर पर शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की जारी रैंकिंग में 89 प्रतिशत सबसे अधिक डिस्चार्ज के साथ बुरहानपुर ने 100 में से 75 प्रतिशत अंक हांसिल किए। इस रैंकिंग में कई बड़े जिले पिछड़ गए।  

प्रदेश स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से पहली बार एसएनसीयू की सुविधा और इलाज पर रैकिंग जारी की गई। 1 अप्रैल से दिसंबर 2021 तक इसका आंकलन किया गया। दो बार सर्वे टीम भी भोपाल से पहुंची। जहां डाटा के आधार पर प्रदेश स्तर पर रैकिंग जारी की गई। बता दे कि 2012 में पुराने जिला अस्पताल में एसएनसीयू की सौगात मिली थी। 2016 में नए अस्पताल के भवन में यह एसएनसीयू शिफ्ट किया गया। जहां पर प्री मेच्यूर बच्चों का इलाज किया जा रहा है। ऐसे बच्चे जो गंभीर अवस्था में जन्म लेते हैं। 


अप्रैल से दिसंबर का डाटा

89 प्रतिशत बच्चे स्वस्थ्य होकर डिस्चार्ज किए गए। 

संस्थाओं में जन्में नवजात शिशुओं में जन्मजात विकृति पहचान 3.5 प्रतिशत रही

399 बच्चे जिला अस्पताल में जन्में भर्ती हुए

585 बच्चे बाहर के अस्पताल में जन्म लेकर यहां भर्ती हुए

871 डिस्चार्ज कुल 89 प्रतिशत 

19 रैफर याने 2 प्रतिशत 

3 प्रतिशत ऐसे बच्चों को परिजन खुद ले गए

प्रदेश के टॉप पांच जिले 

जिले अंक

बुरहानपुर 75

श्योपुर 65

रायसेन 65

विदिशाा 60

उज्जैन 57.5 

बॉटम वाले पांच जिले 

शहडोल 12.5

रतलाम 12.5

पन्ना 12.5

डिंडोरी 10

अनुपपुर 00

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जिला अस्पताल के एसएनसीयू प्रभारी डॉक्टर प्रतीक नवलखे ने बताया - प्रदेश स्तर पर शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की रैकिंग में बुरहानपुर में टॉप पर रहा। 89 प्रतिशत डिस्चार्ज के साथ 100 में 75 अंक मिले हैं। यह पूरे स्टॉफ की मेहनत है। 

एसएनसीयू में भर्ती होने वाले बच्चें को सभी स्टाफ एक टीम भावना से उसकी बेहतर देखरेख करते है साथ  ही जो बच्चे स्वस्थ्य होकर घर जाते है सभी स्टाफ रोस्टर से उनके माता पिता से मोबाईल पर संपर्क कर बच्चो के स्वास्थ्य जानकारी लेकर मॉनिटरिंग करते है

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