दानिश रज़ा खान बुरहानपुर, जिले में खाद दुकानों पर हुए निरीक्षण ने कृषि विभाग की गंभीर अनदेखी और गैर-जवाबदेही को उजागर कर दिया है। कलेक्टर द्वारा गठित जांच दल ने जब बुरहानपुर, शाहपुर और खकनार क्षेत्र की नामी खाद दुकानों पर छापा मारा, तो कई गड़बड़ियाँ सामने आईं – रेट लिस्ट गायब, लाइसेंस निर्धारित स्थान पर नहीं, और किसानों से ज़रूरी दस्तावेज तक नहीं लिए जा रहे।
लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर ये अव्यवस्था इतने लंबे समय से कैसे चल रही थी? कृषि विभाग की जिम्मेदारी खाद विक्रेताओं की सतत निगरानी की है, तो फिर अब तक ये अनियमितताएँ क्यों नहीं पकड़ी गईं? और पकड़ी भी गई तो सिर्फ नाम मात्र की कार्यवाही कर कृषि विभाग ने की।
वही बंधूप्रेम एजेंसी, अरिहंत फर्टिलाइजर, एग्रो सर्विस सेंटर जैसी दुकानों पर बार-बार नियम उल्लंघन के बावजूद सिर्फ "कारण बताओ सूचना पत्र" जारी कर देना कहीं ना कहीं विभागीय मिलीभगत या ढील को दर्शाता है।
उप संचालक एम.एस. देवके भले ही निगरानी बढ़ाने की बात कर रहे हों, लेकिन हकीकत यह है कि किसानों से बिना पहचान और भूमि दस्तावेज के खाद बेची जा रही है। इससे फर्जी बिक्री और काला बाज़ारी को बढ़ावा मिल रहा है।
किसान संगठनों का कहना है कि कृषि विभाग केवल कागज़ी कार्रवाई कर रहा है, जबकि जमीनी स्तर पर न तो निरीक्षण नियमित होते हैं और न ही किसान हित में कोई ठोस कदम।
अब देखना यह है कि क्या यह निरीक्षण एक शुरुआत है या फिर हमेशा की तरह विभागीय लीपापोती में ही सिमट जाएगा?
दानिश रज़ा खान
ब्यूरो रिपोर्ट – BNC News